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कुछ है जो टूट रहा है......

 कुछ  है जो ..... (feelings of a broken heart)💔 कुछ है जो टूट रहा है, 💔 वक़्त के आगे सूख रहा है, जाने किस मोड़ पर लेकर  आई जिंदगी 🚶 हर कोई अपना कही पीछे छुट रहा है...           जिंदगी तलाश रही है जाने कौन सी मन्ज़िल                   बस राहों में चले जा रहे हैं ,           फिर जब मिली मन्ज़िल ,खुद को अकेले पाया है            कैसी है ये बेबसी, चाह कर भी मिली ना खुशी मन्ज़िल की जगह मिली तन्हाई थी, पीछे पलट कर  जब देखा तो हजारों मिलो की  दूरी थीं, लौट कर वापस आना चाहा तो राह में बन गई एक खाई थी .   कुछ है जो..... वक़्त के आगे......                                                                                                    ---रचना मुर्मू

हमदम

             " हमदम " ---------_--------_-------_----------- हमदम ऐसा हो जो हर दर्द बाँट ले  दुखों के बादलों से खुशियाँ छाँट ले  फूलों से गम के हर कांटे काट ले  खोल हर रिश्तों में आई गाँठ ले ऊँची -निची डगर में हाँथ थाम ले  आँखो से पढ़कर ज़ज़्बात जान ले जब भी सज़दा करे खुदा की तो  खुदा से मुहब्बत भरी सौगात माँग ले  -------_---------_-------_----_-------------